Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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रूठना वो मनाना भुला तो दिये

 

रूठना वो मनाना भुला तो दिये ।
बोलना वो सताना भुला तो दिये ।।

 

याद मंजर के तो अब चले भूलने ।
वो हँसी होंठ आना भुला तो दिये ।।

 

प्यार तो भूलता है नहीं प्यार को ।
हम हमें बस जताना भुला तो दिये ।।

 

हम चलें भूलने आज उस प्यार को ।
प्यार बिन पल बिताना भुला तो दिये ।।

 

प्यार अनबन हुआ प्यार था ही नहीं ।
प्यार का ये फ़साना भुला तो दिये ।।

 

आज हम आ चलें तोड़ बंधन सभी ।
बेड़ियाँ अब बताना भुला तो दिये ।।

 

जिंदगी शाम है मत गँवा अब इसे ।
आ बढ़े हम बहाना भुला तो दिये ।।

 

माफ इक दूसरे की करें गलतियां ।
हम अहम अब दिखाना भुला तो दिये ।।

 

सोच आर्यन चला प्यार की राह अब ।
प्यार को हम पढ़ाना भुला तो दिये ।।

 

 


रघु आर्यन

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