हरियाली ये गोद धरा की,
सबके मन को भाती है;
भीनी भीनी खूशबू से,
दिल को सहलाती है.
हरियाली ये गोद धरा की.....
सुबह सवेरे सूरज की किरणे,
जब धरती पर आती है;
पत्तो पर बूँद ओश की,
सोने सी चमक जाती है.
हरियाली ये गोद धरा की.....
मंद पवन के ठंडे झोके,
पत्तो को सहलाती है;
सुबह सवेरे फूलो का खिलना,
मन में नयी उमंग लाती है.
हरियाली ये गोद धरा की.....
चु चु करती नन्नी चिड़िया,
दिल में संगीत बजाती है;
झरनों सी बारिश की बूंदे,
एक नया जोश लाती है.
हरियाली ये गोद धरा की.....
नन्ने नन्ने गिरते बच्चो को,
चलना ये सिखाती है;
हरियाले आँचल में लेकर, सबको
माँ सा दुलार दिखती है.
हरियाली ये गोद धरा की.....
Name - Raj Kumar
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