Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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चांद रोटी

 

कई दिनों से न देखा हो जिसने रोटी
अंतड़ियों में भूख से जिसके हो गया हो दर्द
उसे चांदनी की शर्द रातों में
कहां है दिखता सौंदर्य
गोलाकार चांद भी उसके लिए
फकत रोटी है और कुछ नहीं

 

 

 

राजीव आनंद

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