Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कचरे का डब्बा

 

मौत को रूबरू देखकर
प्रतीत होती जिंदगी
कचरे का वो डब्बा
जिसमें बंद है
रिश्ता, प्यार, मोह, माया
मलबे में परिवर्तित होता
शरीर
जो बिखरा पड़ा है
विस्तर पर

 

 

 

राजीव आनंद

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