मेरा ईश्वर से एक प्रश्न है
मनुष्य के अलावे
आपको पूछता कौन है ?
ईश्वर ने शायद सूना पर मौन है !
बच्चे पढ़े, शादी किए, चल दिए
हम परिंदों का जीवन जीते रहे
अकेला हूँ आस्था नहीं रही
जीवन ही नहीं मृत्यु भी जीते रहे
बेटे ने पैसे दिए साथ नहीं दिया
इस दौर का जीवन अभिशप्त जीते रहे
राजीव आनंद
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