तमन्ना है सारे गम ले लूं तुम्हारे
आंसू मेरे आंखों से बहे तुम्हारे
क्यों न मेरे पांव लहुलूहान हो जाए
कांटे सारे हटा दूं राह से तुम्हारे
अपनी भाग्य की लकीरे दे दूं
नर्म-नर्म हथेलियों को तुम्हारे
राजीव आनंद
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तमन्ना है सारे गम ले लूं तुम्हारे
आंसू मेरे आंखों से बहे तुम्हारे
क्यों न मेरे पांव लहुलूहान हो जाए
कांटे सारे हटा दूं राह से तुम्हारे
अपनी भाग्य की लकीरे दे दूं
नर्म-नर्म हथेलियों को तुम्हारे
राजीव आनंद
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