Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हम धरती पर प्यार से जी सकें

 
हम धरती पर प्यार से जी सकें,गर ये हो तो यही हमसब पर हमारा धन्यवाद हो !! हमारे आदमी होने में ही भलाई है सच हम आदमियों से हमारी दुनिया आबाद हो !! हम हर उस किसी के काम आ सकें याँ पे जिस किसी की भी याँ जिन्दगी नासाज हो !! धरती पर बहुतों को प्यार से हम याद आ सकें इतना बेहतरीन जीकर हम याँ से खैरबाद हों..!! आसमान हर किसी का ही तो है "गाफिल" अच्छा हो कि हर किसी का यहाँ परवाज हो !!


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