कुछ शब्द मेहमान हैं इस महीने में और डूबते जाते हैं वो मेरे पसीने में !! किसी ने कहा आगे सब ठीक होगा और आ गए कुछ गम इस महीने में !! गम को गम कहना ज्यादती लगती है चलो इसे खुशी कहा जाए इस महीने में !! आ कुछ रंगीन बना देते हैं इन दिनों को गिनती के तो दिन होते होते हैं महीने में !! आज तुझको डुबाकर ही दम लूँगा यारब मैं ख़ुद हूँ ही नहीं"गाफिल"मेरे सफीने में !!
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