अनमोल उपहार है नारी .....
प्रकृति की सुन्दर अनमोल उपहार है नारी
नारीशक्ति के समक्ष नतमस्तक है जग सारी
हर समाज संस्कार संस्कृति से समृद्ध है नारी
सारे ब्रह्मांड की आन-बान और शान है नारी
सत्यम शिवम सुन्दर की प्रतिमूर्ति नारी
सरस्वती लक्ष्मी दुर्गा चण्डी रूप है नारी
जीवन की वो बहती हुई नदिया है नारी
धर्म राज और समाज की पहचान है नारी
सहनशील स्नेह और ममता की मूरत है नारी
माँ बहन बेटी बहु के रिश्ते की मर्यादा है नारी
तन मन धन से बलिदान करती है नारी
प्रलय और निर्माण का प्रतिरूप है नारी
सुर नर मुनि आदि सब की साधना है नारी
अलौकिक परा और आदिशक्ति होती है नारी
कभी अबला कभी सबला सारी शक्ति है नारी
कुलदेवी कुल की रक्षक कुल गौरव है नारी
रामायण की सीता महाभारत की द्रौपदी है नारी
सखी सहेली छैल छबीली अलबेली है नारी
सम्हल जाओ ऐ दुनिया वालो अपना सम्मान है नारी
युग परिवर्तनशील है पर युग की महानता है नारी
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राजेन्द्र कुमार पाण्डेय " राज "
प्राचार्य
सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
बागबाहरा
जिला-महासमुन्द ( छत्तीसगढ़ )
पिनकोड-496499
घोषणा पत्र-मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह कविता सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित व मौलिक है।
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