ये दिल कहीं लगता नहीं बिन आपके.........
सोनू! तन्हाई में ये दिल अक्सर बातें करता है
तेरी अपनी बातों ही बातों में उलझा करता है
ये पागल हो गया है ये दिल दीवाना एक ना सुने
दुनिया के रिवाज माने ना जिद करे एक ना सुने
जब देखूँ आईना मैं सिर्फ अपना ही अक्स देखूं
ये दिल कहीं लगता नहीं आपके बिना क्या करूँ
साथ तेरा चाहे हरपल बस तुझे चाहे ये दिल
लम्हा लम्हा जीना चाहे साथ तेरे चाहे ये दिल
नादां दिल तेरे सिवा कोई और ना चाहे ये दिल
हाथों मेरे तेरा हाथ रहे हर लम्हा साथ चाहे ये दिल
ऐ साथी तेरे बिना ये अधूरा जीवन भी क्या जीवन है
मैं चकोर तुम चाँद हो मेरी हम दोनों ही एक हो गए है
एक अनजानी चाहत में मैं खुद को खो बैठा तुममें
तुझमें अपने आप को ही पाता हूँ सुध खो बैठा तुममें
रोक न सकेगा जमाना हमको हम हो गए हैं आपके
सोनू!हम बताएं ये दिल कहीं लगता नहीं बिन आपके
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राजेन्द्र कुमार पाण्डेय " राज "
प्राचार्य
सरस्वती शिशु मंदिर
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
बागबाहरा
जिला-महासमुन्द ( छत्तीसगढ़ )
पिन कोड -493449
घोषणा-यह रचना स्वरचित व मौलिक है।
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