मैं नारी हूँ
मेरे अंदर भी एक नरम दिल है
एक प्यारा प्यारा सा एहसास है
मैंने भी कुछ सुनहरे ख्वाब देखा है
पंक्षियों की तरह आसमां में उड़ना चाहती हूँ
आज समाज में नारी सम्मान विडंबना है
पुरुष प्रधान समाज से नारी मन आहत है
आज नारी ही नारी के कारण सबसे असुरक्षित है
कारण नारी ही नारी की शत्रु बन गई है
बेवजह ही नारी को आरोपित किया जाता है
जबरदस्ती झूठे लांछन लगाया जाता है
अपनी कोख से असह्य पीड़ा सह जन्म देती है
सीने को चीरकर दुग्ध की धारा बहाती है
सारा कष्ट सहनकर भी वो मरहम लगाती है
नारी है तो क्या गर्त में डाल दोगे
सारा समाज नारी को बोझ समझता है
गर्भ में ही मारकर दुनिया में आने से रोकता है
पुरुष के संरक्षण में प्रताड़ित पल्लवित होती है
मंदिर में नारी शक्ति की पूजा करता है
घर की नारी शक्ति को प्रताड़ित करता है
इंसानी पशुओं से मध्य अपने आप को बचाती हुँ
पुरुषों की कुत्सित निगाहों,फरेबी वादों
हवसी नजर,दरिंदगी चालों, प्रेम से फुसलाते है
मीठी बातों के छद्म जाल में फंसाकर शिकार बनाते है
नारी की अस्मत को तार तार कर सड़कों में फेंक देता है
सिर्फ इसलिए कि मैं नारी हूँ
इसलिये सारे के सारे अधिकार पुरुष को है
मैं नारी हुँ इसलिये मेरी कोई महता नही समझते है
ऐ पुरुष प्रधान समाज के लोगों जरा ध्यान से सुनो
मैं ही प्रकृति हूँ,मैं ही सब हुँ,मैं ही रब हूँ,क्योंकि में ही नारी हूँ
मैं ही शिव,मैं ही शक्ति,मैं ही सुंदर,मैं ही अर्धनारीश्वर हुँ
नारी बिना पुरुष अस्तित्व विहीन शक्तिहीन है
मैं नारी हूँ
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राजेन्द्र कुमार पाण्डेय " राज "
प्राचार्य
सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
बागबाहरा
जिला-महासमुन्द ( छत्तीसगढ़ )
पिनकोड-496499
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