नारी का सम्मान
नौ दिन साल भर में शक्ति पूजा होती
नवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम से मनाते
श्रद्धा, भक्ति, शक्ति की आराधना से हम
अन्याय,अत्याचार, शोषण के विरुद्ध सशक्त प्रदर्शन करते
सत्य को स्वीकार करके नारी शक्ति को मानते
हर नारी जीती जागती चलती फिरती दुर्गा है
घर घर में उस दुर्गा माँ का निवास है
जब आये परिवार पर संकट बन जाती दुर्गा है
हर सदस्य का पालन पोषण करती साक्षात अन्नपूर्णा है
गृह स्वामिनी लक्ष्मी के रूप में आधार स्तम्भ बन जाती है
शिक्षा,ज्ञान,संस्कार सिखलाती माँ सरस्वती है
विपत्ति आए, संकट आए रणचण्डी बन रक्षा करती है
सृष्टि का सृजन करती साक्षात माँ जगत जननी है
हर पल,हर घड़ी,हर जगह वह सम्मान की अधिकारी है
समस्त मानव जाति को नारी महत्व को समझना है
मात्र नौ दिन ही नहीं तीन सौ पैंसठ दिन की आराध्या है
उत्सव की संस्कृति हमारी यही सीख मिलती है
नारी का सम्मान पूरी प्रकृति देवी देवताओं का सम्मान है
उसके हृदय में करुणा,ममता,स्नेह,प्यार की नदियाँ बहती है
समय और परिस्थिति के अनुकूल परिवर्तन की क्षमता है
हम केवल नारी को ही देवी जैसे सम्मान करें
संसार की अन्य देवियों की पूजन करने की जरूरत नही होगी
ये बात हम मानव समझ लें तो विश्व का कल्याण होगा
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राजेन्द्र कुमार पाण्डेय " राज "
प्राचार्य
सरस्वती शिशु मंदिर
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
बागबाहरा
जिला- महासमुन्द (छत्तीसगढ़)
पिनकोड- 493449
घोषणा पत्र-मैं प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह कविता स
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