कलियाँ चमन की शान हैं
घर आँगन की आन है|
है जल जैसी निर्मलता इनमें,
ललकारो तो ज्वाला के समान है|
कलियाँ चमन की शान हैं
घर आँगन की आन है|
बेटियों की उपमा कलियों से की है,
ये प्रकृति का स्वरूप है,
इनमें अतुलनीय धैर्य दया और सृजनशील है,
बोझ नहीं है ये
अपितु देश को गोरवान्वित करने वाली लक्ष्मीबाई,कल्पना चावला और रजिया सुल्तान हैं|
कलियाँ चमन की शान हैं
घर आँगन की आन है|
भारत देश का मान है|
इनके बिना पर्व त्योहार अधूरे,
इन्हीं से राखी, भैया-दूज और तीज होते पूरे,
बाँध कलाई पर रेशम की डोरी,
ले लेती भैया की बलायें तमाम हैं|
कलियाँ चमन की शान हैं
घर आँगन की आन है|
भारत देश का मान है|
सुनो सभी अब वक्त की पुकार,
भ्रूण-हत्या,दहेज-बलि और नारी उत्पीडन से मची विश्व में हाहाकार,
निर्मया जैसी बेटियों की रक्षा,
हर हाल में करनी है,
अपनी ये वसुन्धरा फिर से इन कलियों से भरनी है|
ऐहसान नहीं है कर्त्तव्य है यह,
क्योंकि नारी का सम्मान राष्ट्र का सम्मान है,
सो क्यों मंदा आखिए,जित्त जन्मे राजान हैं,
साक्षी और सिन्धु ने रियो खेल समर में बढाया देश का मान है|
कलियाँ चमन की शान हैं
घर आँगन की आन है|
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Rajesh Pal Singh Thakur
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