मुझ पर शक की लाख वजह हैं, तुझ पर यकीं के लाख बहाने जर्रा जर्रा तेरा जवाब है, झूठ हैं सारे सवाल सयाने तू गढ़ता है तू बुनता है, नौ रंगों के ताने बाने मेरा होना इक खयाल सा, दुनियाँ सारी ख्वाब बेगाने क्यों तय करें मक्सद ए जिन्दगी, कदम कदम हैं तेरे निशाने खुशबू, जमाल हो, इश्क, बन्दगी, कोई जुबां हो तेरे फसाने - राजेशा
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