कार -ए- जहाँ आसान नहीं ,
इंसानियत की पहचान नहीं |
किसी का सोने का महल,
किसी को आसमान नहीं |
कोई कमी रह जाती है,
कोई मुकम्मल दीवान नहीं |
इन्सान की फितरत है ये,
बेवफ़ा होता हैवान नहीं |
जिसने ली माँ की दुआएं "रजनी",
वो होता कभी परेशान नहीं |
रजनी नैय्यर मल्होत्रा
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