Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कार -ए- जहाँ आसान नहीं

 

कार -ए- जहाँ आसान नहीं ,
इंसानियत की पहचान नहीं |

किसी का सोने का महल,
किसी को आसमान नहीं |

कोई कमी रह जाती है,
कोई मुकम्मल दीवान नहीं |

इन्सान की फितरत है ये,
बेवफ़ा होता हैवान नहीं |

जिसने ली माँ की दुआएं "रजनी",
वो होता कभी परेशान नहीं |

 

 

 

रजनी नैय्यर मल्होत्रा

 

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