क्यों डर का अहसास है, जब तू नहीं मेरे पास है,
कामयाबी की तलाश है, पर तू नहीं मेरे पास हैI
ये कौन सा अहसास है, ये कैसे जज्बात है,
ये खामोशियो की फ़रियाद है, या यही हालत है?
ख्वाब जब देखू मै, बनती क्यों नई बात है,
टूटता है जो मेरे अंदर, वो क्यों इतना खास हैI
ज़िन्दगी गुजरती रही, ज़िन्दगी की तलाश मै,
ज़िन्दगी न बन सकी, अब ज़िन्दगी से आस हैI
क्यों डर का अहसास है, जब तू नहीं मेरे पास है,
कामयाबी की तलाश है, पर तू नहीं मेरे पास हैI
Raju Aryan Giri
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