Swargvibha
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"फैशन"- कुण्डली-----राम गौतम

 


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बिल्ली ने फैशन करी फैशन हुयी ये व्यर्थ,
पीने को पानी नहीं है फैशन का क्या अर्थ?|
है फैशन का क्या अर्थ जहां क़ानून नहीं है,
कर्म - व्यवस्था पर भी लागू धर्म नहीं है |
फैशन तब ही होय क़ानून- बनाये दिल्ली,
बिना चोट फैशन हो खुश हो जाये बिल्ली |

 

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