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Dr. Srimati Tara Singh
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सरस्वती वंदना

 

सरस्वती वंदना
(धुन- जशगीत )
सुन लेबे हमरो गोहार, ओ मोर सरस्वती दाई!,
सुन लेबे हमरो गोहार…..

श्वेत बरन तोर लुगरा दाई,
श्वेत बरन तोर हंसा ओ,
तोरे दरस ले पाप धोआये,
कर्मणा वाचा मनसा ओ,
हर लेबे जग के तैं अंधियार ओ मोर सरस्वती दाई!,
हर लेबे जग के अंधियार……

जग ला तैं हर सुघर बनाये,
कंठ ला मधुर बनाए ओ,
फूल-फूल म रूप-रंग म ,
तैं हर राग सजाए ओ,
तहीं बनाए सुघ्घर ये संसार ओ मोर सरस्वती दाई!,
तहीं बनाए सुघ्घर ये संसार…..

अइसन सुंदर वीणा बजाए,
जग ल तहीं मोहाए ओ,
वेद पुराण अउ रामायण के,
गंगा तहीं बोहाए ओ,
कर देबे हमरो उद्धार ओ मोर सरस्वती दाई!,
कर देबे हमरो उद्धार……
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