Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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शज़र सूखे

 
हाइकु कविता 


शज़र सूखे
मुसाफ़िर किसकी
छाँव में बैठे

न काटो पेड़
घौंसला बनायेगी
कहाँ गौरैया


धूप में जब
कोई साया न होगा
जल जाओगे


रश्मि विभा त्रिपाठी 'रिशू'
आगरा, उत्तर प्रदेश

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