हाइकु कविता
तुम्हारे बाद
ज़िंदगी किसी की
हो नहीं पायी
याद में कभी
ये किसी भी ग़ैर की
खो नहीं पायी
बेचैन रही
हर लम्हा शामो सहर
सो नहीं पायी
✍ रश्मि विभा त्रिपाठी
हो नहीं पायी
याद में कभी
ये किसी भी ग़ैर की
खो नहीं पायी
बेचैन रही
हर लम्हा शामो सहर
सो नहीं पायी
✍ रश्मि विभा त्रिपाठी
आगरा, उत्तर प्रदेश
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