कर को मलकर रंग से,
लगाइये हर गाल ।
गा के फागण राग को,
नाचो अबके साल ।।
रक्त रंग में रंगकर
करे शत्रु संहार
गा कर वन्देमातरम्
मनाये हम त्योहार
मन को मन से बांधकर
करो शारदा ध्यान ।
पल पल सुमिरन से मिले
सबको सन्मति ज्ञान ।।
कर से कर को जोड़कर
शिव को करूँ प्रणाम ।
हर पल शिव का ध्यान धर
सफल हुये सब काम।।
रचनाकार:-- रवि कलाल
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