लिपट आऊँ तिरंगे में ,यहीँ अरमान दिल में है।
भगत सिंह प्रेरणा मेरी,वहीँ बलिदान दिल में है ।
मेरी ये जान जिससे है और अभिमान जिसपे है,
मेरा मेहबूब ,मेरा यार हिंदुस्तान दिल में है ।।
सनातन धर्म है अपना ,इसी से आन हमारी है ।
मिट न पाये जो किसी से, वही पहचान हमारी है ।।
न जाने क्यों भटकता है,आज मेरे देश का युवा
विवेकानंद से युवा,तभी तो शान हमारी है ।।
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