Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दंगा बना देश का नासूर

 

क्यों होता है दंगा फसाद, कौन है इसका ज़िम्मेदार
छोटी-छोटी हर बातों पर, निकल आते है क्यों हथियार।
आक्रोश की आंधी में, लोग बहक जाते है क्यों ?
एक दूसरे के आखिर हम, दुश्मन बन जाते हैं क्यों ?
लड़कर एक दूसरे से देखो, करते हैं हम खुद का नुकसान
दंगा भड़काने वालों का , काम होता इससे आसान।
आग में घी डालकर देखो, चले जाते हैं वो तो दूर,
मानसिकता इतनी छोटी क्यों, दंगा बन रहा देश का नासूर।
धर्म जाति के नाम पर हम, क्यों करते हैं आपस में लड़ाई,
जाति धर्म समुदाय अलग है, खून तो सबका एक है भाई।
सोचों एक बार सब मिलकर, कितनी मुश्किल से मिली आज़ादी,
आपस में लड़कर के हम, कर रहें हैं देश की बर्बादी।
सोचों समझो समझदार हो, करो एक दूसरे का सम्मान,
फंसकर दंगे की राजनीति में, जीवन नही होगा आसान।
बंद करो आपस में लड़ना, बंद करो ये खूनी खेल,
देश सभी का राज्य सभी का, प्यार मुहब्बत का रखो मेल।

 

 


रवि श्रीवास्तव

 

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