यादों की उनकी मैनें सीने से लगाया है,
दिल के अंदर मैनें हर दर्द को छुपाया है।
मेरी हंसी से लगता है उन्हें मैं खुश हूं
पर हर लम्हा आंसू उनकी यादों में बहाया है।
बहारों के इस मौसम में हर फूल खिलते हैं
मेरी प्यार की हर डाली का फूल मुरझाया है।
यादों की उनकी मैनें सीने से लगाया है,
दिल के अंदर मैनें हर दर्द को छुपाया है।
माना कि प्यार में रूस्वाइयां होती है।
दिन को रहे बेचैन आंखें रातों को न सोती हैं।
ले बहाना मज़बूरी का लोग बदल जाते अगर
प्यार की सच्चाई से तो लोग रहते बेख़बर ।
न कोई मज़बूरी तेरी न कोई फरियाद है
दिल में मेरे रह गई बस अब तो तेरी याद है।
प्यार में मैनें तो हर ग़म उठाया है।
यादों की उनकी मैनें सीने से लगाया है,
दिल के अंदर मैनें हर दर्द को छुपाया है।
रवि श्रीवास्तव
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