जो कहते थे मोफलर, खांसी
साथ नही दिया, कोई साथी
जोर आजमाइस की थी कितनी,
तड़पे पानी बिन, मछली जितनी,
सोच में पड़ गए, आज वो देखों,
जो कहते थे सुनों ओ मित्रों
जनता ने दे दिया हिसाब ,
दिल्ली में फिर जीती आप
न चला मैजिक, न चली लहर
आम आदमी का था कहर
सबके सुर थे, सबके ताल
पांच साल केजरीवाल, पांच साल केजरीवाल
रवि श्रीवास्तव
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