पापोश औरों के, दूर ही रखना,
किरदार मेरा तू, मुझी में रखना,
न मिले क़ुरबत, गिला ना होगा,
निगाह मुसलसल,मुझी पे रखना ।
' रवीन्द्र '
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पापोश औरों के, दूर ही रखना,
किरदार मेरा तू, मुझी में रखना,
न मिले क़ुरबत, गिला ना होगा,
निगाह मुसलसल,मुझी पे रखना ।
' रवीन्द्र '
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