Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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चन्द्र-दर्शन

 

प्रेम पीयूष व्रत कथा श्रवण,
प्रियवर का आयुष संवर्धन,
सुधासम है शशि तव दर्शन,
अखिलसौभाग्य कर वितरण ।

 

 

' रवीन्द्र '

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