दिल तड़पे तेरे प्यार को,
ओ सजना,
दिल तड़पे तेरे प्यार को.
नयनों ने नीर निखारे ,
अश्क बहे होके कजरारे,
मचले तेरे दीदार को,
दिल तड़पे तेरे प्यार को,
ओ सजना,
दिल तड़पे तेरे प्यार को.
चित्त ने चंचल पंख सिकोड़े,
बिखराए कोमल कमल पंखुड़े,
मिलने को बेक़रार हो,
दिल तड़पे तेरे प्यार को,
ओ सजना,
दिल तड़पे तेरे प्यार को.
मनवा मन भर के हर्षाये,
ख़ुशी अंगों में ना समाये,
ढूंढे बिछड़े यार को,
दिल तड़पे तेरे प्यार को,
ओ सजना,
दिल तड़पे तेरे प्यार को.
तन ने सुमन सुगंध बसाई,
निरखि सब सुन्दरताई,
दिखलाने दिलदार को,
दिल तड़पे तेरे प्यार को,
ओ सजना,
दिल तड़पे तेरे प्यार को.
'रवीन्द्र'
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