वक़्त और हालात,
जब न दें साथ
तो क्या कीजे,
कर काबू में ज़ज्बात,
रख उसको याद,
और दुआ कीजे ।
' रवीन्द्र '
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वक़्त और हालात,
जब न दें साथ
तो क्या कीजे,
कर काबू में ज़ज्बात,
रख उसको याद,
और दुआ कीजे ।
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