Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दुनिया -2

 

नफ़ासत की दुनिया,
नज़ाकत की दुनिया,
अजनबी बाजुओं की,
हरारत की दुनिया ।

 

 

बाज़ार सी दुनिया,
लाचार सी दुनिया,
सवाबों गुनाहों के,
व्यापार की दुनिया।

 

 

अदावत की दुनिया,
शरारत की दुनिया,
निकलती यहाँ से,
क़यामत की दुनिया ।

 

 

मज़हब की दुनिया,
मतलब की दुनिया,
मिलेगी मुश्किल से,
मुहब्बत की दुनिया ।

 

 

गुफ्तगूं की दुनिया,
जुस्तजू की दुनिया,
रू-ब-रू होने तक,
आरज़ू की दुनिया ।

 

 

क़लाम की दुनिया,
कमाल की दुनिया,
शै मुश्तक़िल को,
सलाम की दुनिया ।

 

 

 

' रवीन्द्र '

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