Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दुनिया

 

इश्क़ की दुनिया,
महबूब की दुनिया,
रफाक़त दिलों में,
हबीब की दुनिया ।

 

 

रश्क़ की दुनिया,
अश्क़ की दुनिया,
सादिक़- दिल तेरे,
नक़्श की दुनिया ।

 

इनायत की दुनिया,
इबादत की दुनिया,
सिमटती जहाँ से,
तिज़ारत की दुनिया ।

 

 

सराब की दुनिया,
फरेब की दुनिया,
है सारी की सारी,
हबाब की दुनिया ।

 

 

गर्ज़ की दुनिया,
हर्ज की दुनिया,
ला-इलाज़ है इस,
मर्ज़ की दुनिया ।

 

 

ख़्याल की दुनिया,
ख़्वाब की दुनिया,
हस्सास तसव्वुर में,
हालात की दुनिया ।

 

 

क़ल्ब की दुनिया,
सुकून की दुनिया,
महफूज़ रखना ये,
सुखन की दुनिया ।

 

 

' रवीन्द्र '

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