सिद्धी प्रदाय हस्तीमुखाय शुभं करोति विनायकाय ।
सर्वसुखाय एकदन्ताय, कल्याणं भवति तव दर्शनाय,
लम्बोदराय तवकृपाय, सम्भव भवति संकल्प पूर्णाय ।
तीव्रागताय आरुढ़मूषकाय,कोटि दिवाकर समप्रभाय,
अद्भुत रूपाय देव देवाय, सदासहाय विकलांगजनाय।
मोदकप्रसादाय मुदित चित्ताय, अधिपति अनिष्टंहनाय,
अग्रपूजितं कृष्ण भवाय, नमामिदेवं यज्ञसम्पूर्णानुष्ठाय।
शमनशंकाय जगवन्दनाय, दीर्घकर्णाय नंदनशिवाय,
सिद्धीविनायक हर्षित हृदाय, पुनःनमामि विघ्नेश्वराय ।
जय गणेश विद्यापति देवा ,
सादर समर्पित,
' रवीन्द्र '
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