Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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इंसानियत

 

इत्तेफ़ाक़ गम और ख़ुशी, इंसानियत हवा का झोंका,
निभा दी रस्म-ए-परस्तिश, मिला जब ज़रा सा मौका ।

 

 

 

रवीन्द्र कुमार गोयल

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