सत्यमेव जयते में अब बचा कितना दम है,
गोपीनाथ के इकबाले सच ने दिखा दिया ।
देश से नहीं उसे सिर्फ संसद से निकालेंगे,
सच पायेगा जहाँ पनाह दर्शन करा दिया ।
बात चालीस की नहीं चालीस चोरों की है,
एक बोला औ' कुप्पा सबका खुलवा दिया ।
एक के इकबाल को तो सच समझ लिया,
न-इकबालों के जुर्म को झट से भुला दिया ।
गणतंत्र के इन रखवालों की क्या है खता,
जब सच ने ही सच को हाशिये पे ला दिया ।
बात कोई खास नहीं किस्सा जुना आम है,
इसी सच को किसी ने फिर से दिखा दिया ।
' रवीन्द्र '
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY