Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जय हो

 

सत्यमेव जयते में अब बचा कितना दम है,
गोपीनाथ के इकबाले सच ने दिखा दिया ।

 

देश से नहीं उसे सिर्फ संसद से निकालेंगे,
सच पायेगा जहाँ पनाह दर्शन करा दिया ।

 

बात चालीस की नहीं चालीस चोरों की है,
एक बोला औ' कुप्पा सबका खुलवा दिया ।

 

एक के इकबाल को तो सच समझ लिया,
न-इकबालों के जुर्म को झट से भुला दिया ।

 

गणतंत्र के इन रखवालों की क्या है खता,
जब सच ने ही सच को हाशिये पे ला दिया ।

 

बात कोई खास नहीं किस्सा जुना आम है,
इसी सच को किसी ने फिर से दिखा दिया ।

 

 

' रवीन्द्र '

 

 

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