जिंदगी, तू खुदा की इक नेमत है ,
तभी तो तू इतनी खूबसूरत है ।
दिखाई नहीं देती पर हकीकत है,
जिंदगी खुदा की हू-ब-हू सूरत है ।
कबूल करता वो बंदगी उसी की,
हिफाज़त करे जो इस जिंदगी की ।
कोई करे न यकीं इस पर, लेकिन
वास्ते खुदा सब को तेरी जरुरत है।
' रवीन्द्र '
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