साया तलक उतर जाता है, अनिष्ट औ' खौफ़ का,
कर्ज़ -ए- मन्नत चुके कैसे, पर्व था करवा चौथ का ।
' रवीन्द्र ',
Powered by Froala Editor
साया तलक उतर जाता है, अनिष्ट औ' खौफ़ का,
कर्ज़ -ए- मन्नत चुके कैसे, पर्व था करवा चौथ का ।
' रवीन्द्र ',
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY