मुश्किल ये डगर है,
जीवन एक सफ़र है ।
सुख दुख की पहर है,
चार पल की ठहर है ।
तेरे मेरे का शोर है,
तिमिर घन घोर है ।
अरमानों के भंवर है,
धैर्य - प्रेम से सँवर है ।
पग बेड़ियाँ पड़ी है,
खुशियां भी खड़ीं है ।
मन की पतवार है,
जीवन की हार है ।
मन की जो जीत है,
सबसे सच्ची प्रीत है ।
तू जिसके करीब है,
वही खुश नसीब है ।
' रवीन्द्र '
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