कौन सा क़तरा वक़्त का, जिसमें कि मैं आ गया,
क्या कुछ था वजूद मेरा, जब मैं तुझमें समा गया ।
एक अहसास महिला दिवस पर,
' रवीन्द्र '
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कौन सा क़तरा वक़्त का, जिसमें कि मैं आ गया,
क्या कुछ था वजूद मेरा, जब मैं तुझमें समा गया ।
एक अहसास महिला दिवस पर,
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