Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मन्नत

 

गम भुलाने के लिये खूबसूरत, इक वज़ह मिल गयी,
समझ-ए-शायरी क्या मिली, मुझे मन्नत मिल गयी ।

 

 

रवीन्द्र कुमार गोयल

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ