Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मत चलना पदचिन्हों पर

 

मत चलना पदचिन्हों पर ,
मिल जाये तुझे ग़र पगवाला ।
उसके कन्धों पर चढ़ कर पाना तू ,
मंजिल उसकी बन मतवाला ।

 

मंजिल अपनी पानी जिसको,
पद चिन्हों को वो ढूँढेगा ।
कर कर्त्तव्य कर्म पाएगा मंजिल अपनी ,
काल क्रम का भेद मिट जायेगा ।

 

होगा सफल फिर जीवन में जब,
मुड़ कर पीछे पगडंडी पर देखेगा ।
सभी अनुकरणीयों के पद चिन्हों को ,
अपने पद चिन्हों के संग देखेगा ।

 

 

रवीन्द्र कुमार गोयल

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ