मुश्तहर बनिस्बत, शायरी ना रहा,
सफ़र भी चलो, अब तन्हा ना रहा,
चंद अल्फ़ाज़, मिल गये लफ़्ज़ों से,
कारवां -ए- ज़ज्बात ठहरा ना रहा ।
( मुश्तहर = famous )
' रवीन्द्र '
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मुश्तहर बनिस्बत, शायरी ना रहा,
सफ़र भी चलो, अब तन्हा ना रहा,
चंद अल्फ़ाज़, मिल गये लफ़्ज़ों से,
कारवां -ए- ज़ज्बात ठहरा ना रहा ।
( मुश्तहर = famous )
' रवीन्द्र '
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