नव प्रेरणा नव काव्य दे, निकंद हो सकल अमर्ष,
समृद्धि, संस्कृति, सद्भावना से पूर्ण हो नूतन वर्ष ।
' रवीन्द्र '
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नव प्रेरणा नव काव्य दे, निकंद हो सकल अमर्ष,
समृद्धि, संस्कृति, सद्भावना से पूर्ण हो नूतन वर्ष ।
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