कुछ ने तोड़ दिया दिल,
तो कुछ निकले बे-वफ़ा,
ये नसीब की बात रवि,
क्या मिलेगा होके खफ़ा ।
भुला अब उन यादों को,
नगमा नया कर ईजाद ,
बसा है जो सबके दिल में,
बस उसी को रख याद ।
' रवीन्द्र '
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कुछ ने तोड़ दिया दिल,
तो कुछ निकले बे-वफ़ा,
ये नसीब की बात रवि,
क्या मिलेगा होके खफ़ा ।
भुला अब उन यादों को,
नगमा नया कर ईजाद ,
बसा है जो सबके दिल में,
बस उसी को रख याद ।
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