कुछ कलम से, थोड़ा ज़हन से,
गर्द निकलेगी, दिले- वहम से,
चलो बुहार लें , जज़्बात पुराने,
ज़िन्दगी सुधरेगी, नई पहल से ।
' रवीन्द्र '
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कुछ कलम से, थोड़ा ज़हन से,
गर्द निकलेगी, दिले- वहम से,
चलो बुहार लें , जज़्बात पुराने,
ज़िन्दगी सुधरेगी, नई पहल से ।
' रवीन्द्र '
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