दिवस है प्रेम का औ' पूर्णिमा भी है,
बिखरी तेरे चेहरे पे लालिमा भी है,
कैसे कर दूँ दिल से इज़हारे इश्क़,
छुपी इसमें थोड़ी सी कालिमा भी है ।
सभी सच्चे प्रेमियों को इस दिवस की बधाई,
' रवीन्द्र '
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दिवस है प्रेम का औ' पूर्णिमा भी है,
बिखरी तेरे चेहरे पे लालिमा भी है,
कैसे कर दूँ दिल से इज़हारे इश्क़,
छुपी इसमें थोड़ी सी कालिमा भी है ।
सभी सच्चे प्रेमियों को इस दिवस की बधाई,
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