इस तरह डूबा हूँ, न पार पाये कोई,
निगाह से उसकी, अब बचाये कोई ।
रहबरी से अब तो, परेशान हो गया,
भूलता हूँ उस को, याद आता कोई ।
( रहबरी - Protection, leadership )
' रवीन्द्र '
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इस तरह डूबा हूँ, न पार पाये कोई,
निगाह से उसकी, अब बचाये कोई ।
रहबरी से अब तो, परेशान हो गया,
भूलता हूँ उस को, याद आता कोई ।
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