तुम आये तो चिड़िया चहकी,
जीवन की ये बगिया महकी,
तेज तपे तो दुनिया दहकी,
शाम हुई फिर चिड़िया चहकी ।
कुछ आते तो दुःख दे जाते,
कुछ जाते समय हैं तड़पाते,
एक 'रवि' तुम जग में बिरले,
आते जाते जग सारा हर्षाते ।
' रवीन्द्र '
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तुम आये तो चिड़िया चहकी,
जीवन की ये बगिया महकी,
तेज तपे तो दुनिया दहकी,
शाम हुई फिर चिड़िया चहकी ।
कुछ आते तो दुःख दे जाते,
कुछ जाते समय हैं तड़पाते,
एक 'रवि' तुम जग में बिरले,
आते जाते जग सारा हर्षाते ।
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