हुई गज़ब तेरी ये खिराम रे,
बलम बाँके हुए कोतवाल रे ।
सारी दुनिया है मेहरबान रे,
तेरे सजना हुए कोतवाल रे ।
बाकी क्या यारों से काम रे,
जब से सैयाँ भये कोतवाल रे ।
अब तो सजदे में सारा ग्राम रे,
पिया थाने में हैं कोतवाल रे ।
तुझे सजने से क्या अब काम रे,
तेरा सिंगार है अब कोतवाल रे ।
( खिराम - The graceful walk)
' रवीन्द्र '
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