Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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यकीन कर ले

 

 

मेरी वफ़ा का तू यकीन कर ले,
ये अकेलापन कुबूल कर ले,
वफ़ा का तू यकीन कर ले.

 

ना तू है बड़ा
ना किसी से कम,
बस बराबरी को कुबूल कर ले,
वफ़ा का तू यकीन कर ले.

 

मजबूरियां ये तेरी,
या फिर गर्दिशे हालात,
ये हालात तू कुबूल कर ले,
वफ़ा का तू यकीन कर ले.

 

कोई नहीं तेरे पास,
है ये सच्चा अहसास,
इस अहसास को कुबूल कर ले,
वफ़ा का तू यकीन कर ले.

 

हज़ार ख्वाइशें तेरी,
पर वफायें हैं कम,
झूठा तेरा प्यार कुबूल कर ले,
मेरी वफ़ा का तू यकीन कर ले.

 

कोई औरत
किसी में जवां मर्दी,
मर्ज़ीखुदा की कुबूल कर ले,
वफ़ा का तू यकीन कर ले.

 

ना महसूस हो ख़ुशी,
ना रहे कोई गम,
बस बंदगी को कुबूल कर ले,
वफ़ा का तू यकीन कर ले.

 

ये अकेलापन कुबूल कर ले,
मेरी वफ़ा का तू यकीन कर ले.

 

 

 

' रवीन्द्र '

 

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