दिल को बहुत समझाती हूँ कि
तुम तक न पहुंचे
सोचती हूँ कि यादों का साया
सालों पर ही टिका रहे
तो ही अच्छा है ...
साथ बुरा था या नहीं ...पता नहीं
पर दिल बहकता है ..
गुज़रे वक़्त में जाने को
तुमसे मिल कर आने को ..
आज फिर गुज़रा वक़्त याद किया
आज फिर यादों पर साल की एक और परत चढ़ गई ...
तुम्हे नया साल फिर मुबारक हो।।
रौनक हबीब
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